निमंत्रण करो शक्ति का, आकृति निर्दोष हो निमंत्रण करो शक्ति का, आकृति निर्दोष हो
दशमी में शास्त्रों और शस्त्रों की पूजा होती है, विसर्जन के समय हर आँख रोती है, दशमी में शास्त्रों और शस्त्रों की पूजा होती है, विसर्जन के समय हर आँख रोती है...
सूरज की किरणों ने निशा के तम को दूर किया रात्रि कितनी भी लंबी हो ढल जाती है सूरज की किरणों ने निशा के तम को दूर किया रात्रि कितनी भी लंबी हो ढल जात...
गीत, कथा, मिथक, संगीत परम्पराओं की है अनुगूँज गीत, कथा, मिथक, संगीत परम्पराओं की है अनुगूँज
भोर की किरण। चहचहाहट गूंजित भरी, पल्लवित पुष्प नगरी, रंगबिरंगी सुगंध करती।। भोर की किरण। चहचहाहट गूंजित भरी, पल्लवित पुष्प नगरी, रंगबिरंगी सुगंध कर...
तो कविता क्या है ? मेरे जीने का आइना। तो कविता क्या है ? मेरे जीने का आइना।